151+ Gulzar Shayari in Hindi || Shayari by Gulzar || गुलज़ार शायरी 2024

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Gulzar Shayari

gulzar shayari in hindi

क्या लूटेगा जमाना हमारी खुशियों को,
हम तो खुद ही खुशियां दूसरों पर लुटा कर जीते हैं !!

दौलत नहीं शोहरत नहीं,न वाह चाहिए
“कैसे हो?” बस दो लफ़्जों की परवाह चाहिए !!

तुम जो साथ हो तो दुनिया अपनी सी,
लगती है वरना सीने में साँस भी पराई लगती है !!

देख दर्द किसी और का आह दिल से निकल जाती है,
बस इतनी सी बात तो आदमी को इंसान बनाती है !!

इतनी जल्दी ना सारे राज बताया करो अगर,
बात लंबी करनी हो तो कुछ रात छुपाया करो !!

Gulzar Shayari in Hindi

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दोस्ती और मोहब्बत,
मे फर्क सिर्फ इतना है बरसों बाद,
मिलने पर मोहब्बत नजर चुरा लेती है
और दोस्ती सीने से लगा लेती है !!

पलक से पानी गिरा है,
तो उसको गिरने दो,
कोई पुरानी तमन्ना,
पिंघल रही होगी !!

कभी तो चौंक के,
देखे कोई हमारी तरफ़,
किसी की आंख में हमको,
भी इंतिज़ार दिखे !!

वो उम्र कम कर रहा था,
मेरी मैं साल अपने बढ़ा रहा था,
कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था,
आज की दास्ताँ हमारी है !!

तुमसे नाराज हो कर
तुझसे ही बात करने का मन,
यह दिल का सिलसिला भी
कभी ना समझ पाए हम !!

Gulzar Shayari in Hindi 2021

gulzar shayari in hindi

मिल जाएगा कोई हमें टूट कर चाहने वाला,
अब पूरा शहर तो बेवफा नहीं हो सकता !!

जिंदगी एक रवायत है, जिसे निभाना पड़ता है,
उनके बिना भी, जो कभी आपकी जिंदगी थे !!

दर्द हल्का है साँस भारी है,
जिए जाने की रस्म जारी है !!

अकेली रातें बोलती बोहोत है मगर सुन,
वही सकता है जो खुद भी अकेला होता है !!

इश्क करना है तो रात की तरह करो,
जिसे चांद भी कबूल है और दाग की !!

Gulzar Shayari in Hindi 2022

gulzar shayari in hindi

सालों बाद मिले हो गले लगाकर रोने लगे,
जाते वक्त जिसने कहा था तुम्हारे जैसे हजार मिलेंगे !!

छोटा सा साया था आँखों में आया था
हमने दो बूंदों से मन भर लिया !!

वह जो सूरत पर सबकी हंसते है
उनको तोहफे में एक आईना दीजिए !!

हर रोज चुप के से निकल आते है नये पत्ते,
ख़्वाहिशो के दरख्तो मे क्यो पतझड नही होते !!

जब नाराजगी किसी खास से होती है,
तब इंसान चिल्लाता नहीं रो देता है !!

Sad Gulzar Shayari

gulzar shayari in hindi

मेरी फितरत में,
नहीं था तमाशा करना,
बहुत कुछ जानते थे तब,
भी खामोश है हम !!

बहुत मुश्किल से करता,
हूँ तेरी यादों का कारोबार,
मुनाफा कम है पर गुज़ारा,
हो ही जाता है !!

तुम मिले तो क्यों लगा,
मुझे खुद से मुलाकात हो गई,
कुछ भी तो कहा नहीं मगर,
जिंदगी से बात हो गई !!

ना दूर रहने से रिश्ते टूट जाते हैं,
ना पास रहने से जुड़ जाते हैं यह तो,
एहसास के पक्के धागे हैं जो याद करने,
से और मजबूत हो जाते हैं !!

मोहब्बतें एक खूबसूरत
एहसास है जो हर किसी,
से नहीं होता और हर किसी
के लिए नहीं होता है !!

Gulzar Shayari on Life

gulzar shayari hindi

मिजाज में थोड़ी सख्ती लाजमी है साहब,
लोग पी जाते अगर समंदर खारा ना होता !!

अगर किसी से मोहब्बत बेहिसाब हो जाए,
तो समझ जाना वह किस्मत में नही !!

चांदी उगने लगी है बालों में,
के उम्र तुम पर हसीन लगती है !!

कुछ भी कायम नहीं है और जो कायम है,
बस एक मैं हूं जो पल-पल बदलता रहता हूं !!

बातों से ही तो इश्क हुआ करता है साहब,
शक्ल देखकर तो शादियां हुआ करती है !!

Gulzar Shayari on Dosti

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कैसे दूर करूं यह उदासी बता दे,
कोई लगा कर सीने से रुला दे कोई !!

ज्यादा कुछ नहीं बदलता उम्र के साथ,
बस बचपन की जिद्द समझौतों में बदल जाती हैं !!

झूठे तेरे वादों पे बरस बिताये,
ज़िन्दगी तो काटी, ये रात कट जाए !!

अगर दूरियों से फर्क ना पड़े तो,
समझना बहुत नजदीक हो तुम !!

खुश किस्मत होते हैं वह लोग जिनका प्यार,
उनकी कद्र भी करता है और इज्जत भी !!

Zindagi Gulzar Shayari

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एक जैसी दिखती थी माचिस की तिलियाँ,
कुछ ने “दिये” जलाए और कुछ ने “घर” !!

तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं,
तेरे बिना ज़िन्दगी भी लेकिन, ज़िन्दगी तो नहीं !!

सुकून उसी के पास मिलता है,
दिन चाहे किसी के साथ गुजार लूँ !!

ना चांद चाहिए ना फलक चाहिए,
मुझे बस तेरी एक झलक चाहिए !!

एक तेरी नजर जो साथ दे मेरा मैं,
किसी और को देखना भी गुनाह समझू !!

Gulzar Shayari on Love

gulzar shayari hindi

मैं भिखारी भी बन जाऊं तेरे खातिर,
कोई डाले तो सही तुझे मेरी झोली मे !!

मोहब्बत किसी से करनी हो तो हद मैं रहकर करना वरना,
किसी को बेपनाह चाहोगे तो टूट कर बिखर जाओगे !!

कभी तो ठहरेगा उसका भी सफर जो,
हमराह बन हमें राह में गुमराह कर गया !!

मैं अक्सर हंसा देता हूं उदास लोगों को,
मुझसे मेरे जैसे लोग नहीं देखे जाते !!

तमाशा लोग नहीं हम खुद बनाते हैं,
हर किसी को अपनी कमजोरी बताकर !!

Gulzar Shayari on Love in Hindi

gulzar shayari

बड़ी ही प्यारी सी है वो गुस्सा भी,
करती है और बेहिसाब इश्क भी !!

मोहब्बत किसी से करनी हो तो हद मैं रहकर करना वरना,
किसी को बेपनाह चाहोगे तो टूट कर बिखर जाओगे !!

कभी तो ठहरेगा उसका भी सफर जो,
हमराह बन हमें राह में गुमराह कर गया !!

एक ख्वाहिश है मेरी एक,
तस्वीर हम दोनों की एक साथ में !!

परेशान हूं में परेशानी जाती नहीं,
बचपन तो गया मगर नादानी जाती नहीं !!

Broken Heart Gulzar Shayari

gulzar shayari

खुदा से मौत मांग लेना,
पर इंसान से मोहब्बत नहीं !!

नए अंधेरों में पुराने उजालों का इस्तेमाल करता हूं,
पॉकेट में रखी गुनगुनी धूप बहुत काम आती है !!

मेरी खामोशी में सन्नाटा भी है शोर भी हैं,
तूने देखा ही नहीं.. आँखों में कुछ और भी है !!

बचपन के खिलौनों सा कही छुपा लूँ तुम्हें,
आंसू बहाऊं पाँव पटकुं और पा लूँ तुम्हें !!

मसला यह नहीं कि गम कितना है,
मुद्दा यह है कि परवाह किसको है !!

Romantic Gulzar Shayari

gulzar shayari

तुम आईना क्यों देखती हो,
बेरोजगार करोगी क्या मेरी आंखों को !!

नए अंधेरों में पुराने उजालों का इस्तेमाल करता हूं,
पॉकेट में रखी गुनगुनी धूप बहुत काम आती है !!

मेरी खामोशी में सन्नाटा भी है शोर भी हैं,
तूने देखा ही नहीं.. आँखों में कुछ और भी है !!

तुम तो बस आने का दावा करो,
इंतजार तो मैं मरते दम तक करूंगा !!

मजबूरी देर तक जगाती है,
जिम्मेदारी जल्दी उठा देती है !!

Gulzar Shayri

gulzar shayari

रिश्ते वही लाजवाब होते हैं जो अहसानो से,
नहीं बनते बल्कि एहसासों से बनते हैं !!

पानी से भरी आँखे लेकर वह मुझे घूरता ही रहा,
वह आईने में खड़ा शख्स परेशान बहुत था !!

तेरा ख्याल है जब ही तेरे ख्याल में मस्त हूँ ना दिल
लाख मोहब्बत कर ले तुझसे पर तेरा तो दोस्त हूँ ना मैं !!

तमाम नींदें गिरवी है उसके पास,
जरासी मोहब्बत उधार ली थी जिससे !!

कपड़ों की तरह लोग इश्क बदल लेते हैं,
एक हमसे एक शख्स भुलाया नहीं जाता !!

Gulzar Shayari

gulzar shayari

कैसा अजीब खेल है मोहब्बत का जनाब,
एक थक जाए तो दोनों हार जाते हैं !!

कलम से लिखने का रिवाज फिरसे आना चाहिए,
चैटिंग की दुनिया बड़ा फरेब फैला रही हैं !!

मोहब्बत करने वालो की कमी नहीं इस दुनिया में,
अकाल पड़ा है मोहब्बत निभाने वालों का !!

गलत जगह सम्मान दे दिया, व्यर्थ दे दिया प्यार,
प्यार की कीमत क्या जाने कचरे के ठेकेदार !!

दर्द मुझको ढूंढ लेता है हर रोज नए बहाने से,
वह हो गया है वाकिब है मेरे हर ठिकाने से !!

Gulzar ki Shayari

gulzar ki shayari

हालात सिखा देते हैं बातें सुनना और सहना वरना,
हर शख्स अपने आप में बादशाह होता है !!

कभी भी किसी से इतनी उम्‍मीद मत रखना
कि उम्‍मीदों के साथ खुद भी टूट जाओ !!

छोटा सा साया था आँखों में आया था,
हमने दो बूंदों से मन भर लिया !!

थोड़े गुस्से वाली थोड़ी नादान हो तुम,
पर जैसी भी हो मेरी जान हो तुम !!

जी रहे हैं तेरी शर्तों के मुताबिक ए-जिंदगी,
दौर आएगा कभी हमारी फरमाइशो का भी !!

Gulzar ki Shayari Hindi Me

gulzar ki shayari

तस्वीरे लेना भी जरूरी है जिंदगी में साहब,
आईने गुजरा हुआ वक्त नहीं बताया करते !!

पहला प्‍यार बचपन की उस चोट की तरह होता है,
जिसका निशान हमेशा के लिए रह जाता है !!

उजाले में तो मिल ही जायेगा कोई न कोई,
तलाश उसकी करो जो अँधेरे में भी साथ निभाए !!

थक सा गया है मेरी चाहतों का वजूद अब,
कोई अच्छा भी लगे तो इजहार नहीं करता !!

तेरे जाने से कुछ बदला तो नहीं रात भी आई थी,
चांद भी था हां लेकिन मुझे नींद नहीं आई तेरे बिना !!

2 Lines Gulzar Shayari

gulzar ki shayari

उठती नहीं निगाहे किसी और की तरफ,
एक शख्स का दीदार हमें इतना पाबंद कर गया !!

दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई,
जैसे एहसान उतारता है कोई !!

वो वक्त गुजर गया जब मुझे तेरी आरजू थी,
अब तो तू खुदा भी बन जाये तो मैं सजदा ना करू !!

बेहद हदें पार की थी हमने कभी किसी के लिए,
आज उसने सिखा दिया हद में रहना चाहिए !!

हम दोनों एक ही किताब में रहेंगे लेकिन,
हम दोनों के बीच कई पन्नों का फासला होगा !!

Gulzar Shayari in Hindi 2 Lines

gulzar ki shayari

नींद तो बचपन में आती थी,
अब तो थक कर सो जाते हैं !!

दिल पर दस्तक देने कौन आ निकला,
किसकी आहट सुनता हूँ वीराने में !!

कौन कहता हैं कि हम झूठ नहीं बोलते,
एक बार खैरियत तो पूछ के देखियें !!

मुझे तो ढंग ही नहीं आप कीजिए
ना किस तरह बात करते हैं !!

किसी और की तारीफ क्या करना है,
जब मेरी मोहब्बत ही लाजवाब है !!

Gulzar Sahab Shayari

gulzar ki shayari

बिना मांगे ही मिल जाती है मोहब्बत किसी को.
कोई हजारों दुआओं के बाद भी खाली रह जाता है !!

कोई अटका हुआ है पल शायद,
वक़्त में पड़ गया है बल शायद !!

बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला,
जब से डिग्रियां समझ में आयी पांव जलने लगे हैं !!

फिर एक बार मिलो पहली बार की तरह,
फिर एक बार तुम्हें पहली बार देखना है !!

सुकून मिल जाता है तेरे होने से भी,
तेरी तस्वीर मैंने फोन में जो छुपा रखी है !!

Gulzar Shayari on Friendship

gulzar sahab shayari

जब गिला शिकवा अपनों से हो तो खामोशी ही भली,
अब हर बात पर जंग हो यह जरूरी तो नहीं !!

जिस साल तुम्हें गले लगाएंगे,
हम तो बस वही साल ईद मनाएंगे !!

किसी पर मर जाने से होती हैं मोहब्बत,
इश्क जिंदा लोगों के बस का नहीं !!

जिंदगी आसान बनाइए कुछ,
अंदाज से कुछ नजर अंदाज से !!

जीने के लिए नहीं चाहा तुम्हें,
तुम्हें चाहने के लिए जीते हैं हम !!

Gulzar Shayari on Smile

gulzar sahab shayari

हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में,
रुक कर अपना ही इंतज़ार किया !!

आँखों से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं,
मेहमाँ ये घर में आएँ तो चुभता नहीं धुआँ !!

शाम से आंख में कुछ नमी सी है,
आज फिर आपकी कमी सी है !!

जो तुम्हारे बगैर खुश हैं,
तो उसे खुश रहने दो !!

मौसम बहुत सर्द है चले ए-दोस्त,
गलतफहमीयों को आग लगाते हैं !!

गुलजार की दो लाइन शायरी

gulzar sahab shayari

जब गिला शिकवा अपनों से हो तो खामोशी ही भली,
अब हर बात पर जंग हो यह जरूरी तो नहीं !!

कोई पुछ रहा हैं मुझसे मेरी जिंदगी की कीमत,
मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुराना !!

थक कर ना बैठ ऐ मंज़िल के मुसाफिर,
मंज़िल भी मिलेगी और मिलने का मजा भी आयेगा !!

मोहब्बतें कटी पतंग के जेसी है जनाब,
गिरती वही है जिसकी छत बड़ी होती है !!

तेरी मजबूरियां भी होगी चलो मान लेते हैं,
मगर तेरा एक वादा भी था मुझे याद रखने का !!

गुलजार की शायरी दो लाइन

gulzar shayri

मैं खुशी तलाश कर,
रहा था और तुम मिल गए !!

ग़ज़ल भी मेरी है पेशकश भी मेरी है,
मगर लफ्ज़ो में छुप के जो बैठे है वो हर बात तेरी है !!

ना तेरे आने की खुशी रहा और ना तेरे जाने का गम रहा,
मोहब्बत आज भी है तुमसे बस इतना सा सितम रहा !!

जिंदगी सिर्फ कुछ दिनों की है,
और मैं कुछ दिनों से परेशान हूं !!

देखने के लिए सारी कायनात भी कम है,
चाहने के लिए एक चेहरा बहुत है !!

गुलजार शायरी इमेज

gulzar shayri

इश्क जालिम है साहब,
मरने से पहले ही मार देता है !!

मैंने इतनी बार समझाया है की सब तक़दीर,
का खेल है लेकिन ख्वाहिशे है की मानती नहीं !!

इजहार से नहीं पता लगता किसी के प्यार का
इन्तेजार बताता है कि तलबगार कौन है !!

वफा मर्द या औरत और परवरिश में होती है !!

मोहब्बत हो या इबादत जो भी है तुमसे ही है !!

Gulzar Shayari on Dosti

gulzar shayri

इश्क से उम्र का क्या वास्ता जनाब,
पुरानी शराब अक्सर महंगी होती है !!

नज़र झुका के उठाई थी जैसे पहली बार,
फिर एक बार तो देखो मुझे उसी नज़र से !!

मोहब्बत का ख़ुमार उतरा तो ये एहसास हुआ,
जिसे मंजील समझते थे, वो तो बेमकसद रास्ता निकला !!

जो कहते हैं बिना देखे बिना मिले मोहब्बत कैसी,
होती है कह दो उनसे खुदा की इबादत जैसी होती है !!

इंसानी जिस्म के मेने सेकड़ों हैवान देखे है, मैंने,
दिल में रंजिश रख महफिल में आए मेहमान देखे है !!

Gulzar Sayari Hindi

gulzar shayri

वही मुझको अकेला कर गया,
जो कभी दुआ में मुझे मांगता था !!

वक्त रहता नहीं कही भी टिक कर,
आदत इसकी भी इंसान जैसी हैं !!

इंतजार की घड़ियाँ ख़त्म कर ऐ खुदा जिसके,
लिये बनाया है उससे मिलवा भी दे अब ज़रा !!

सब अच्छे ही होते हैं,
कोई मेरे जैसा क्यों नहीं होता !!

ना कोई इश्क ना कोई काम,
देखो अब कितने खुश हैं हम !!

Gulzar ki Shayari Dosti Par

gulzar shayri

कैसा अजीब खेल है मोहब्बत का जनाब,
एक थक जाए तो दोनों हार जाते हैं !!

वक्त रहता नहीं कही भी टिक कर,
आदत इसकी भी इंसान जैसी हैं !!

इंतजार की घड़ियाँ ख़त्म कर ऐ खुदा,
जिसके लिये बनाया है उससे मिलवा भी दे अब ज़रा !!

एक जैसी ही दिखती थी माचिस की वो तीलियां,
कुछ ने दिये जलाये और कुछ ने किसी घर !!

उम्र भर उठाया बोझ उस कील ने,
और लोग तारीफ़ तस्वीर की करते रहे !!

Shayari Gulzar

shayari gulzar

एक सुकून सा मिलता है तुझे सोचने से भी,
फिर कैसे कह दूं तेरा इश्क बेवजह सा है !!

अब गिला शिकवा अपनो से हो तो ख़ामोशी ही,
भली अब हर बात पर ज़ंग हो जरूरी तो नहीं !!

हुनर मोहब्बत का हर किसी को कहाँ आता है,
लोग हुस्न पर फीदा होकर उसे मोहब्बत कहते है !!

नींद से उठ कर इधर-उधर ढूँढती रहती हूँ मै,
कि ख्वाबो में मेरे इतने करीब चले आते हो तुम !!

आप और आपकी हर बात मेरे लिए ख़ास है,
यही शायद प्यार का पहला एहसास है !!

Gulzar Shayari on Mohabbat

shayari gulzar

मिलावट है तेरे इश्क में इत्र या शराब की कभी,
हम महक जाते है तो कभी बहक जाते हैं !!

एक घुटन सी होती है इस दिल के अंदर,
जब कोई दिल मैं तो रहता है मगर साथ नही !!

रात गुज़रते शायद थोड़ा वक़्त लगे,
धूप उन्डेलो थोड़ी सी पैमाने में !!

तुम कहो ना कहो, मगर फिर भी,
तुम्हारे हर सफर में, तुम्हारे साथ हूँ मै !!

तेरी मदहोश नजरें बहकाती हैं मेरे कदम,
और बदनाम हैं कि देखकर चलते नहीं हम !!

Gulzar Dosti Shayari

shayari gulzar

पता नहीं कितना प्यार हो गया है तुमसे,
नाराज होने पर भी तुम्हारी याद आती हैं !!

मेरे पास मौसम की कोई जानकारी नही,
मगर इतना जानता हूँ यादें तूफान लाती है !!

एक बार तो यूँ होगा कि थोड़ा सा सुकून होगा,
ना दिल में कसक होगी और ना सर पे जूनून होगा !!

अपने किरदार पर डाल कर परदा,
हर कोई कह रहा है जमाना खराब है !!

तेरी सादगी तेरी आज़ीज़ी तेरी हर अदा कमाल है,
मुझे फख्र है मुझे नाज़ है मेरा यार बेमिसाल है !!

Shayari Gulzar

shayari gulzar

अकेला रहने का भी अपना ही सुकून है,
ना किसी के आने की खुशी ना किसी के जाने का गम !!

वफा करना तो कोई हमसे सीखे,
जिससे टूटकर चाहा उससे खबर तक नही !!

एक सपने के टूट कर चकनाचूर हो जाने के बाद,
दुसरे सपन देखने के हौंसले को ज़िन्दगी कहते हैं !!

चाह कर भी उनका हाल नहीं पूछ सकते,
डर है कही कह ना दे की यह हक़ तुम्हे किसने दिया !!

रो कर मांग लिया करो अपने रब्ब से वो अपने,
बन्दों की आँखों में आंसू देख नहीं सकता !!

Gulzar Shayari on life

gulzar shayari on life

काश फुर्सत में उन्हें भी यह ख्याल आ जाये,
कि कोई याद करता है उन्हें जिंदगी समझ कर !!

रिश्तों की अहमियत समझा करो,
जनाब इन्हे जताया नहीं निभाया जाता है !!

शायर बनना बहुत आसान हैं बस एक,
अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए !!

अपनी यादों से कहो कि एक दिन की छुट्टी दे मुझे,
इश्क़ के हिस्से में भी एक दिन इतवार होना चाहिए !!

कोई मरहम नही चाहिए, मेरे दर्द को मिटाने के लिए,
तेरी मुस्कान ही काफी हैं, मेरे गम भूलाने के लिए !!

Gulzar Shayari on life

gulzar shayari on life

गुलाब तो नहीं दिया हमने लेकिन,
मोहब्बत गुलाब देने वालों से ज्यादा की थी !!

वो जब फुर्सत मे होती हैं तो इल्जाम ले कर आती है,
मुझे हसता देख कर मोहब्बत का जाम ले कर आती हैं !!

मैं हर रात ख्वाईशो को खुद से पहले सुला देता हु,
हैरत यह है की हर सुबह ये मुझसे पहले जग जाती है !!

गम में ख़ुशी की वजह बनी है मोहब्बत,
दर्द में यादों की वजह बनी है मोहब्बत,
जब कुछ भी ना रहा था अच्छा इस दुनिया में,
तब हमारे जीने की वजह बनी है यह मोहब्बत !!

हज़ारो बातें मिल कर एक राज़ बनता है
सात सुरों के मिलने से साज़ बनता है,
आशिक़ के मरने पर कफ़न भी नहीं मिलता
और हसीनाओ के मरने पर ताज़ बनता है !!

Gulzar Shayari life

gulzar shayari on life

दूरियाँ जब बढ़ने लगी तो गलतफहमी भी बढ़ने लगी,
फिर उसने वही सुना है जो मैंने नहीं कहा !!

सहमा सहमा डरा सा रहता है,
जाने क्यूँ जी भरा सा रहता है !!

वक़्त की ज़र्ब से कट जाते हैं सब के सीने,
चाँद का छलका उतर जाए तो क़ाशें निकलें !!

होंठो पे नाम है तेरा, दिल में याद है तेरी, ज़माने से
हमे क्या लेना देना, जब तुझमे बसी है जान मेरी !!

तेरी ही याद में गुज़र जाती है,
जिसे लोग “रात” कहते हैं !!

Gulzar Shayari on Dosti in Hindi

gulzar shayari on life

पल भर की बातें फिर महिनो की दूरियां,
आदत तुम्हारी भी तनख्वाह सी हो गई !!

बदल जाओ वक़्त के साथ या वक़्त बदलना सीखो,
मजबूरियों को मत कोसो, हर हाल में चलना सीखो !!

चूल्हे नहीं जलाए कि बस्ती ही जल गई,
कुछ रोज़ हो गए हैं अब उठता नहीं धुआँ !!

हम तो तेरी आवाज़ से प्यार करते हैं,
तस्सवुर में तेरे तन्हाइयों से प्यार करते हैं,
जो मेरे नाम से तेरे नाम को जोड़े ज़माने वाले,
उन चर्चों से अब हम प्यार करते हैं !!

पहली मोहब्बत मेरी हम जान न सके,
प्यार क्या होता है हम पहचान न सके,
हमने उन्हें दिल में बसा लिया इस कदर कि,
जब चाहा उन्हें दिल से निकाल न सके !!

Gulzar Shayari on love

gulzar shayari on love

आज फ़िर देखा किसी ने हमें मोहब्बत भरी निगाहों से,
आज फिर हमने तुम्हारे खातिर अपनी निगाहे झुका ली !!

सेहमा सेहमा डरा सा रहता है
जानें क्यों जी भरा सा रहता है !!

एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरवाई भी¸
ऐसा तो कम ही होता है वह भी हो तन्हाई भी !!

मेरी हर ख़ुशी हर बात तेरी है,
मेरी साँसों में बसी वो महक तेरी है,
एक पल भी नहीं रह सकते तेरे बिन,
धड़कनो से निकलती हर आवाज़ तेरी है !!

जादू है उनकी हर एक बात में
याद बहुत आती है दिन और रात में,
कल जब देखा था सपना मैने रात में
तब भी उनका ही हाथ था मेरा हाथ में !!

Gulzar Shayari on love

gulzar shayari on love

धागे बड़े कमजोर चून लेते हैं हम और फिर,
सारी उम्र गाँठ बाँधने मे निकल जाते हैं !!

जानें कब गुम हुआ कहाँ खोया,
एक आँसूं छुपा के रखा था !!

ख्वाइशें तो आज भी बगावत करना चाहती हैं मगर,
सीख लिया है मैनें हर बात को सीने में दफ़न करना !!

हमसे एक वादा करो हमे रुलाओगे नही,
हालात जो भी हों कभी हमे भुलाओगे नही,
अपनी आँखों में छुपा कर रखोगे हमको,
और फिर किसी को दिखाओगे नही !!

सैर जन्नत की करा देते है यह इश्क़,
दीवाना सबको बना देता है यह इश्क़,
दिल के मरीज़ हो तो करलो यह कम्बख्त इश्क़,
दिल को धड़कना सीखा देता है यह मासूम इश्क़ !!

Gulzar Shayari on love

gulzar shayari on love

पुरानी होकर भी खास होती है,
मोहब्बत बेशर्म है जनाब बेहिसाब होती है !!

कुछ शिकायत बनी रहे¸ तो बेहतर है,
चाशनी में डूबे रिश्ते वफादार नही होते !!

हमने अक्सर तुम्हारी राहों में रुक कर,
अक्सर अपना ही इंतज़ार किया !!

सजने सवरने के बाद भले ही
तुम सबको अच्छी लगती हो,
पर मुझे जब तुम सो कर उठती
हो तब बहुत प्यारी लगती हो !!

दिन हुआ है तो रात भी होगी
मत हो उदास उससे भी बात होगी,
वह प्यार ही है इतना प्यार जिंदगी
रही तो मुलाकात भी होगी !!

Gulzar Shayari love

gulzar shayari on love

चूम लेता हूं हर मुश्किल को मैं अपना मानकर,
जिंदगी कैसी भी है आखिर है तो मेरी !!

कोई पूछ रहा है मुझसे अब मेरी ज़िन्दगी की कीमत,
मुझे याद आ रहा है हल्का सा मुस्कुराना तुम्हारा !!

काँच के पीछे चाँद भी था और काँच के ऊपर काई भी
तीनों थे हम वो भी थे और मैं भी था तन्हाई भी !!

तुम्हारा मेरा साथ चाहिए
जो रिश्ता ना टूटे वो हाथ चाहिए,
तुमसे जुदा होने का जो ख्याल आये
तो रुक जाये बदन से वो सास चाहिए !!

तेरे बिना ज़िंदगी अधूरी है यारा
तुम मिल जाओ तो ज़िंदगी पूरी है यारा,
तेरे साथ ज़िंदगी की सारी खुशिया
दुसरो के साथ हसना तो मज़बूरी है यारा !!

Shayari by gulzar

shayari by gulzar

कीचड़ उसके पास था और मेरे पास था गुलाब,
जो भी जिसके पास था उसने दिया उछाल !!

कहने को तो बहुत कुछ बाकी है,
लेकिन तेरे लिए तो मेरी खामोशी ही काफी है !!

हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में,
रुक कर अपना ही इंतिज़ार किया !!

मिल जाये मुझे सबकुछ,
कोई ये दुआ देकर चला गया,
और मुझे बस वो चाहिए था
जो ये दुआ देकर चला गया !!

चाँद नहीं चांदनी हो तुम
राग नहीं रागिनी हो तुम,
मेरी ज़िन्दगी को ज़िन्दगी बनाने
वाले कोई गैर नहीं अपनी हो तुम !!

Shayari by gulzar

shayari by gulzar

तेरे बगैर किसी और को देखा नहीं मैंने,
सुख गया वह तेरा गुलाम मगर फेंका नहीं मैंने !!

चख कर देखी है कभी तन्हाई तुमने,
मैंने देखी है, बड़ी ईमानदार लगती है !!

हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उनको.
क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया !!

मिजाज को बस तल्खियाँ ही रास आईं,
हम ने कई बार मुस्कुरा कर देख लिया !!

तुम मेरे रहो या नहीं, पर तुम्हारे लिए,
मेरी मोहब्बत कभी खत्म नहीं होगी !!

Gulzar ki Shayari

shayari by gulzar

बातें तो सिर्फ जज़्बातों की है वरना,
मोहब्बत तो सात फेरो के बाद भी नहीं होती !!

कैसे करें हम ख़ुद को तेरे प्यार के काबिल,
जब हम बदलते हैं, तो तुम शर्ते बदल देते हो !!

सबके सामने हाथ पकड़, लेता हे तुम्हारा,
ये चूड़ीवाला भी एक दिन, मार खायेगा मुझसे !!

तुम चाय की तरह मोहब्बत तो करके देखो,
बिस्कुट की तरह टूट न जाऊ तो कहना !!

दोस्ती तो बच्चे करते है साहब क्यूंकि,
बड़े तो समझोते और सौदेबज़ी करते है !!

Shayari by gulzar

shayari by gulzar

बिछड़ते वक़्त मेरे सारे एब गिनाये उसने सोचता हूं,
जब मिला था तब कौन सा हुनर था मुझमें !!

मेरा हक़ नहीं है तुम पर ये जानता हु में फिर भी न जाने,
क्यों दुआओ में तुझको मांगना अच्छा लगता है !!

जिस की आंखों में कटी थीं सदियां,
उस ने सदियों की जुदाई दी है !!

इस दिल मे प्यार था कितना,
वो जान लेते तो क्या बात होती,
हमने माँगा था उन्हें खुदा से,
वो भी मांग लेते तो क्या बात होती !!

जिसको आज मुझमे हजारो
गलतिया नजर आती हैं,
कभी उसी ने कहा था
तुम जैसे भी हो मेरे हो !!

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